Monday 18 January 2016

सूरतुल फ़ातिहा Al- Fatiha

सूरतुल फ़ातिहा Al- Fatiha

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَٰلَمِينَ
ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ
مَٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ


बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम


सूरतुल फ़ातिहा
मक्का में उतरी : आयतें सात, रुकु एक, अल्लाह के नाम सेशुरु जो बहुत मेहरबान रहमतवाला
1. सब खू़बियाँ अल्लाह को जो मालिक सारे जहान वालों का
2. बहुत मेहरबान रहमत वाला
3. रोज़े जज़ा (इन्साफ के दिन) का मालिक
4. हम तुझी को पूजें और तुझी से मदद चाहें
5. हमको सीधा रास्ता चला
6. रास्ता उनका जिन पर तूने एहसान किया
7. उन का जिन पर ग़ज़ब (प्रकोप) हुआ और बहके हुओं का

1 comment: